जियो और एयरटेल को वैसे तो एक दूसरे का प्रतिद्वंदी माना जाता है, लेकिन स्टारलिंक की एंट्री को लेकर दोनों कंपनियां काफी सतर्क हो गई है। वही बीते 2 साल में जियो और एयरटेल ने सैटेलाइटन इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में काफी ग्रोथ हासिल की है। ऐसे में आज के वक्त में वो स्टारलिंक को टक्कर देने के लिए तैयार हैं।
एलन मस्क लंबे वक्त से भारत में अपनी सैटेलाइट सर्विस स्टारलिंक लान्च करने की तैयारी में है। दुनियाभर में धूम मचाने वाली स्टारलिंक सर्विस को उम्मीद थी, कि वो भारत के बड़े बाजार पर जल्द कब्जा कर लेगी, लेकिन पिछले कुछ सालों में कड़ी मेहनत के बाद ऐसा नहीं हो सका है, हालांकि जल्द भी भारत में स्टारलिंक सर्विस को लागू करने की मंजूरी केंद्र सरकार दे सकती है, लेकिन शायद अब देरी हो चुकी है, क्योंकि एलन मस्क की स्टारलिंक सर्विस के लिए भारत में चक्रव्यूह बनाया जा चुका है।
जियो और एयरटेल का चक्रव्यूह
जैसा कि मालूम है कि जियो और एयरटेल भारत की दो बड़ी दिग्गज टेलिकॉम कंपनियां हैं। ऐसे में दोनों नहीं चाहती हैं कि भारत में एलन मस्क की स्टारलिंक की बादशाहत हो जाएं। यही वजह है कि बीते कुछ सालों में सैटेलाइट कनेक्टिविटी के मामले में जियो और एयरटेल ने जबरदस्त निवेश किया है। ऐसे में जियो और एयरटेल के मुकाबले स्टारलिंक की भारत में दाल गलना मुश्किल है।
एयरटेल वनवेब सर्विस
जियो की तरह एयरटेल सैटलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से काम कर रही है। मोबाइल इंडिया कांग्रेस 2023 में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कि अगले महीने तक देश में वनवेब सैटेलाइट सर्विस शुरू हो जाएगी। इससे दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क कनेक्टिविटी मिलेगी, जहां अभी फाइबर ऑप्टिकल केबल मौजूद नहीं है। सुनील मित्तल का कहना है कि देश के करीब 20 हजार गांवों तक सैटेलाइट कनेक्टिविटी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
जियोस्पेस फाइबर
जियो ने स्पेस कंपनी SES के साथ मिलकर जियोस्पेस फाइबर लॉन्च किया है। यह एक सैटेलाइट कनेक्टिविटी है, जिसमें सैटेलाइट को लो-अर्थ ऑर्बिट में पेश करके रिमोट एरिया में इंटरनेट कनेक्टिविटी ऑफर की जाती है। इसमें 120 मिली सेंकेंड की लेटेंसी रेट होती है। साथ ही 1Gbps की स्पीड ऑफर की जाती है। फिलहाल जियो की तरफ से इसकी कीमत का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इतना कंफर्म है कि यह सर्विस स्टारलिंक के मुकाबले काफी सस्ती होगी।
स्टारलिंक की बढ़ी मुसीबत
स्टारलिंक सर्विस को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। वही, करीब 2 साल पहले 2021 में बिना सरकार की मंजूरी के स्टारलिंक सर्विस शुरू कर दी थी, जिसे लेकर सरकार ने एलन मस्क को काफी फटकार लगाई थी, जिसके बाद एलन मस्क ने केंद्र सरकार से इस सैटेलाइट सर्विस को लॉन्च करने की मंजूरी का आवेदन किया है। इस बीते दो साल में जियो और एयरटेल ने सैटेलाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में काफी निवेश किया है।