भारत ने इस वर्ष G20 बैठक की मेजबानी की जो कि दिल्ली में हुई इस बैठक को अभी तक का सबसे सफल बैठकों में माना जा रहा है, जहां भारत ने सभी देशों को एक मंच पर इकट्ठा कर अभूतपूर्व संख्या में समझौता करते हुए बैठक को अनावश्यक मतभेदों से दूर रखा, भारत ने इस बैठक को एक शुभ अवसर बनाते हुए अपने तकनीकी कौशल का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने लाया. भारत मंडप में एक अत्याधुनिक प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें देश में विकसित किए गए डिजिटल बुनियादी ढांचे और तकनीकी क्षमताओं को विश्व मंच पर रखा गया,भारत के तकनीकी सफलता खासकर यूपीआई के क्षेत्र में देखते हुए आईएमएफ के अधिकारी भी इन सेवाओं को संचालित करने वाली टीम से मिलने में उत्सुक दिखे,
भारत ने G20 नाम से एक अद्वितीय प्रतिनिधि अनुकूलन एप्लीकेशन विकसित किया जोकि शिखर सम्मेलन से संबंधित सभी जानकारी अंग्रेजी हिंदी जापानी जर्मन व पुर्तगाली भाषा मैं प्रदान करता है /
डिजिटल इंडिया एक्सपीरियंस जोन
प्रदर्शनी में विदेशों के नेतागण मीडिया कर्मियों व्यवसाय और सरकारी कर्मचारियों के लिए ट्विस्टर इंडिया एक्सपीरियंस जोन बनाया गया जहां वह ‘भारतीय डिजिटल स्टैक’ के अनुप्रयोग को देख सकते थे और उनका उपयोग कर यह समझ सकते थे कि उसे अपने देश में किस खास काम के लिए कैसे उपयोग किया जा सकता है,प्रदर्शनी में राष्ट्रीय बायोमेट्रिक डिजिटल पहचान कार्यक्रम ‘आधार’ जैसे प्रमुख प्रौद्योगिक कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया . 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या प्रणाली, आधार, केवाईसी प्रक्रिया, ग्राहक पहचान और प्रमाण के तरीकों को दर्शाया गया. यह ना सिर्फ बैंकिंग के लिए उत्तम है, बल्कि सरकारी वितरण प्रणाली को भी बेहतर बना सकता है
दूसरी तरफ यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भी दर्शाया गया जो दुनिया की सबसे तेज और सबसे सस्ती डिजिटल भुगतान सुविधा है,
दिल्ली घोषणा पत्र से मिलेगी गति
जी-20 नेताओं की नई दिल्ली घोषणा को आधिकारिक तौर पर बनाए जाने के साथ, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को वैश्विक रूप से अपनाने के लिए भारत के उपायों को बढ़ावा मिला है | भारत लंबे समय से डीपीआई को व्यापक रूप से अपनाने पर जोर दे रहा है,(DPI) डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे
भारत में सूरीनाम, पापुआ न्यू गिनी, सिएरा लियोन, एंटीगुआ और त्रिनिदाद और टोबैको, आर्मेनिया, मारीशस और सऊदी अरब में इंडिया के कुछ हिस्सों को अपनाने के लिए समझौता पर भी हस्ताक्षर किए हैं.वही G-20 बैठक के समय भारत और अमेरिका ने 6G टेक्नोलॉजी के संयुक्त विकास पर भी सहमति जताई है.
अमेरिका ने भारत के तकनीकी कौशल से प्रभावित होकरभविष्य में एआई, सेमीकंडक्टर, सुपरकंप्यूटिंग, उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए भारत को प्रमुख भागीदार के रूप में मान्यता दी है यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय सरकार अपने टेक्नोलॉजी विस्तार और उपलब्धियों की तरफ पूरे विश्व का ध्यान खींचने में सफल रही, पहले जहां भारत पर तंज कसा जाता था कि हम एक्सयूवी तक अपने देश में नहीं बनाते और हमें साइबर पुलिस से लेकर तमाम अपमानजनक शब्द कहे जाते थे अब भारत अपनी तकनीकी क्षमता से दुनिया का ध्यान खींच रहा है और वैश्विक रंगमंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है