शिक्षण संस्थाओं के लिए AISHE/UDISE कोड की अनिवार्यता की गई है तथा दशमोत्तर के विभिन्न कोर्स ग्रुप्स के लिए बजट का अनुपातिक रूप से निर्धारण किया गया है
यूपी सरकार में अल्पसंख्यकछात्रों को बड़ा तोहफा दिया है.अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्त विभाग द्वारा संचालित राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं में पारदर्शिता,प्रक्रियाओं का सरलीकरणएवं प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार ने नियमावलियों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं.संशोधित नियमावली के तहतअब मेरीट बेस्ड वरीयता प्रणाली को लागू किया जा रहा है.इसमें आधार वेरिफिकेशन और आधार वेस्टपेमेंट सिस्टम प्रणाली द्वारा भुगतान किए जाने की व्यवस्था की गई है.
यही नहीं,शिक्षण संस्थानों के लिए AISHE/ UDISEकोड की अनिवार्यता की गई है तथा दशमोत्तर के विभिन्न कोर्स ग्रुप्स के लिए बजट का आनुपातिक रूप से निर्धारण किया गया है,ताकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को अधिक संख्या में लाभान्वित किया जा सके.
बता दें कि पूर्व में प्रचलित व्यवस्था में रेनवाल कैटिगरी के आवेदन को प्राथमिकता व वरीयता दिए जाने के कारण उच्चतर मेधा वाले नई कैटिगरी के आवेदक लाभान्वित होने से वंचित रह जाते थे.नई नियमावलीमें अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों की उच्च मेधा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मेरिट आधारित प्रणाली को लागू किया गया है जिससे अभ्यर्थियों के चयन में पारदर्शिता भी आएगी.
आधार वेरिफिकेशन के बाद डीबीटी से होगा भुगतान:
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण,वक्त एवं हाई विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश के मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में दसवीं से छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले की छात्रवृत्ति योजना की नियमावली वर्ष2016 में बनाई गई थी,जिसमें दो बार संशोधन किया गया तथा दशमोत्तर कक्षाओं की योजना के लिए वर्ष 2012 में छात्रवृत्ति नियमावली बनाई गई थी,जिसमें 6 बार संशोधन किया गया है.
आवेदक का आधार वेरीफिकेशन:
मंत्री ने आगे कहा कि इन संशोधन को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप समावेशित करते हुए समेकित एवं संशोधित नियमावली प्रख्यापित की गई है उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति केवल पात्र व्यक्तियों को प्राप्त हो,इसके लिए आवेदक का आधार वेरिफिकेशन करते हुए एबीपीएस/डीबीटीप्रणाली द्वारा भुगतान अभ्यर्थियों के आधार लिंक बैंक खाते में ही किए जाने का निर्णय लिया गया है.फर्जी अवस्थित व और असंचालित शिक्षण संस्थाओं द्वारा योजना काअनुचित लाभ न लिया जाए,इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों के लिएAISHE/UDISE कोड की अनिवार्यता की गई है.
सभी पाठ्यक्रम समूह के छात्रों को मिलेगा लाभ:
योजना के अंतर्गत पारदर्शिता सुनिश्चित करने और उत्तरदायित्व निर्धारित करने के उद्देश्य से शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों और नोडल अवसरों द्वारा अपने डिजिटल सिग्नेचरसे अभ्यर्थियोंका सत्यापन किया जाएगा.जिला अल्पसंख्य ककल्याण अधिकारी द्वारा जिला नोडल ऑफिसर के रूप में सत्यापन के बाद उन्हें जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृत समिति के समाज प्रस्तुत किया जाएगा.
पहले की व्यवस्था के अंतर्गत दशमोत्तर कक्षाओं के लिए बजट का प्रावधान एक मस्त किया जाता था और प्रोफेशनल कोर्सेज की फीसअधिक होने के कारण अधिकांश बजट का उपभोग उनके विद्यार्थियों के लिए हो जाता था.इसके कारण गैर तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययंतरअल्पसंख्यक समूह के अनेक छात्र योजना के लाभ से वंचित रह जाते थे.नहीं दशमोत्तर नियमावली में सभी पाठ्यक्रम समूह के विद्यार्थियों को लाभान्वित किए जाने और योजना केअंतर्गतप्रावधानित बजट को सभी समूह में वर्गीकृत किया जाने की व्यवस्था की गई है