भारतीय रेलवे: मणिकर्णिका के मायके से ससुराल तक दौड़ेगी वंदे भारत

 वाराणसी से झांसी के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी। सब कुछ ठीक रहा तो 13 नवंबर (दीपावली) से वंदे भारत ट्रैक पर दौड़ने लगेगी।

Indian Railways: Vande Bharat will run from Manikarnika's maternal home to in-laws' house.

विस्तार

वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की जन्मभूमि वाराणसी और कर्म भूमि के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस एक्सप्रेसवे। इसकी खाका रेल मार्केटिंग कंपनी ने तैयारी कर ली है। सब कुछ ठीक है तो 13 नवंबर (दीपावली) से वंदे भारत ट्रैक पर दौड़ें। सेमी हाई स्टैक्रिन ट्रेन वाराणसी से डायनासोर, चित्रलिपि से जुड़ेंगे। काशी से वर्चुअल की डायरेक्टोरियल कनेक्टिविटी होगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरी झंडी दिखाकर सेमी हाईस्पीड ट्रेन को रवाना कर सकते हैं। उत्तर मध्य रेलवे जोन की तरफ से रेलवे बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि रानी लक्ष्मी बाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था। उनका बचपन वाराणसी में बीता, फिर शादी झांसी में हो गई। ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए वंदे भारत का परिचालन जरूरी है।काशी से बुंदेलखंड की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, दीपावली तक आठ और वंदे भारत की सौगात देशवासियों को मिल सकती है। इसमें एक वंदे भारत प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी-झांसी के बीच चल सकती है। इसका सर्वे रेलवे बोर्ड करा रहा है। जल्द ही ट्रेन के परिचालन पर अंतिम मुहर लग सकती है।

धार्मिक पर्यटन के नजरिए से ट्रेन संचालन पर अधिक जोर:

रेल अधिकारियों के मुताबिक, वाराणसी-झांसी के बीच वंदे भारत का खाका धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। वाराणसी-झाँसी रूट के जरिए चित्र से भी शहर होगा। भगवान राम ने वनवास के दौरान चित्रपट का अनावरण किया था। लंबे समय से इसकी मांग पर्यटन पर्यटन की ओर से जा रही थी।

सात से आठ घंटे का हो जाएगा सफर:

वाराणसी-झांसी के बीच बनारस स्टेशन से बुंदेलखंड एक्सप्रेस का संचालन होता है। इस ट्रेन के जरिये यात्रियों का सफर 12 से 13 घंटे का होता है। वंदे भारत से यह दूरी साढ़े छह से सात घंटे में तय की जा सकेगी।

वाराणसी-आगरा वंदे भारत का भी भेजा गया है प्रस्ताव:

उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्रीय परामर्श दात्री समिति के सदस्य अरविंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वाराणसी-झांसी वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। इसमें वाराणसी-आगरा वंदे भारत का भी प्रस्ताव शामिल है। प्रस्ताव पर मुहर लगी तो फिर वाराणसी समेत पूर्वांचल के यात्रियों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। वाराणसी-हावड़ा के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस प्रस्तावित है। यह ट्रेन पटना को जोड़ते हुए अप-डाउन करेगी।

सुबह खुलेगी दोपहर में चित्रकूट, शाम को झांसी:

रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि जोन से मिले प्रस्ताव के तहत वाराणसी से वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह दस बजे खुलेगी और दोपहर डेढ़ बजे तक चित्रकूट पहुंच जाएगी। शाम लगभग साढ़े चार से पांच बजे तक झांसी पहुंच जाएगी।

दिल्ली के लिए चल रही है वंदे भारत, तीन अक्तूबर तक वेटिंग:

देश की पहली वंदे भरत काशी से दिल्ली के बीच चल रही है। बृहस्पतिवार को छोड़कर ट्रेन का आवागमन रोजाना होता है। काशी से जाने वाली इस ट्रेन में तीन अक्तूबर तक वेटिंग टिकट है। नई दिल्ली से लौटने वाली ट्रेन में भी यही हाल है।

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