देश में ऊर्जा की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार और सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है जिसके लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है.इसके साथ ही सरकारी इमारत में भी सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर बढ़ावा दिया जा रहा है.
सोलर रूफटॉप संयंत्र की दी जाएगी जानकारी:
उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के हित में आयोजित स्टांप में आवासीयव्यवसाय को भोक्ताओं के साथ-साथ अन्य विभिन्न विभागोंके संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भीप्रतिभा किया जाएगा.कैंप के दौरान सोलर रूफटॉप संयंत्र कि स्थापना के संबंध में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी साथ ही आवेदन की प्रक्रिया तथा नेट-मीटर की स्थापना की प्रक्रिया से संबंधितजानकारी दी जाएगी कोई भी व्यक्ति इन स्थानों पर पहुंच कर रूफटॉप संयंत्र लगाने के लिए आवेदन और अन्य जानकारी हासिल कर सकता है.इसके लिए विभाग से भी इस संबंध में जानकारी मिल सकती है.
हमारे स्कूलों को सौर ऊर्जा से किया जा रहा जगमग:
भारतीय जनता पार्टी केविधान परिषद सदस्य अवनीश कुमार सिंह के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहलपर स्कूलों को सौर ऊर्जा से जगमग करने की योजना संभव हो पाई है. सभी संयंत्रनेट मीटरिंग से जुड़े होंगे,जिससे माध्यमिकस्कूल हर साल अपनी जरूरत की बिजली इस्तेमाल के बाद बाकी बिजली सौर ऊर्जा ग्रीट में देकर आए भी प्राप्त कर सकेगी.उन्होंने बताया कियोजना का सारा खर्च विधायक निधि और कंपनियों सी.एस.आर से निकल जाएगा.दरअसल योगीआदित्यनाथ सरकार भविष्य की जरूरत को देखते हुएसोलर एनर्जी को लेकर कई अहम कदम उठा रही है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दिया है.
1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सोलर एनर्जी की अहम भूमिका:
दरअसल देश में ऊर्जा की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार सौर्य ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है.इसके लिए सौर ऊर्जा संयंत्र की खरीद पर सब्सिडी भी दी जाएगी.अथवा सरकारी इमारत में भी सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सौर ऊर्जा को आज की जरूरत के हिसाब से सबसे बेहतर विकल्प बताया है.उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर कीअर्थव्यवस्था बनने में सौर ऊर्जा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
सौर ऊर्जा नीति में दी गई कई रियायतें:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी के मुताबिक प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी.सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने परनिवेश करने के लिए आ रहे हैं.ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की मांग काफी बढ़ जाएगी.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस खपत को पूरी करने के लिए सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं.इसके लिए राज्य सरकार नहीं उत्तर प्रदेशसौर ऊर्जा नीति-2022भी लेकर आई है,जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियतेंदी गई.
18 शहरों में सोलर सिटी का निर्माण:
प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सौर शहरों का निर्माण करेगी. जिसमें पहले चरण में नोएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है.इसके बाद प्रदेश के 16 नगर निगम को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा.इन सोलर सिटी से प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन का 10% बिजली उत्पादन सौर से किया जाएगा. साथ ही इसकोप्रत्येक साल बढ़ाया जाए ताकि निवेशकों के साथ प्रदेशवासियोंको सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके.
बुंदेलखंड में सौर पार्क का निर्माण:
सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में सौर पार्क का निर्माण तेजी से चल रहा है.वहां 100 पार्क बनाया जा रहा है जिससे रोजाना4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.दूसरीऔर,राज्य के विभिन्न जिलों में सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए हरित गलियारेबनाए जाएंगे.सौर पार्क के पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं आपूर्ति के लिए बने बिजली फीडर से सौर ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी.इसके साथ ही सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले पंप पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होंगे.