नव्य अयोध्या में श्रीलंका, नेपाल और दक्षिण कोरिया ने मांगी जमीन, इन गांवों में आकार लेगी टाउनशिप

वैदिक सिटी के रूप में आकार लेने वाली ग्रीनफील्ड टाउनशिप नव्य अयोध्या में पड़ोसी देशों नेपाल, श्रीलंका व दक्षिण कोरिया ने भी जमीन की मांग की है। तीनों देशों ने पांच-पांच एकड़ जमीन की जरूरत बताई है। टाउनशिप में 15 राज्य पहले ही जमीन मांग चुके हैं। सबसे पहले गुजरात को भूखंड आवंटित किया भी जा चुका है।

Sri Lanka, Nepal and South Korea asked for land in Navya Ayodhya, township will take shape in these villages

नव्य अयोध्या योजना कुल 1852 एकड़ में आकार लेगी। योजना को दो चरणों व छह क्षेत्रों में बांटा गया है। पहले चरण में 539 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। पूरी योजना के लिए 1407 एकड़ जमीन में से 90 फीसदी से ज्यादा खरीद ली गई है। विस्तारित क्षेत्र 248 एकड़ के लिए 21 अक्तूबर तक आपत्तियां ली जाएंगी। 

उसके बाद सुनवाई होगी। आवास विकास के अधिशासी अभियंता ओपी पांडेय ने बताया कि पहले चरण का काम दीपोत्सव के बाद से शुरू होगा। जमीन अयोध्या के मांझा, मांझा तिहुरा, मांझा बरेहटा और शाहनेवाजपुर के गांवों में खरीदी गई है।

नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट को हाईटेक सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए गुजरात के गिफ्ट सिटी की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया गया है। गिफ्ट सिटी की तर्ज पर ही वैदिक सटी को बसाने की तैयारी है। योजना में 80 देशों के गेस्ट हाउस, राज्यों के अतिथि निवास सहित मठ-मंदिर व आश्रम भी बनेंगे। 

Sri Lanka, Nepal and South Korea asked for land in Navya Ayodhya, township will take shape in these villages

कई धार्मिक संस्थानों की भी ओर से जमीन के लिए मौखिक आवेदन आ रहे हैं। इनमें तिरुपति बालाजी ट्रस्ट भी शामिल है। अन्य देशों को किस प्रक्रिया से जमीन दी जाएगी, यह सरकार को तय करना है।

होटल, मॉल की जमीन नीलामी से बिकेगी

अयोध्या की नई आवासीय योजना में करीब पांच फाइव स्टार व 15 अन्य होटलों का प्रस्ताव है। कुछ शॉपिंग माॅल भी बनेंगे। इनकी जमीन को नीलामी से बेचा जाएगा। नव्य अयोध्या से सीधे रामजन्मभूमि पहुंच सकेंगे। यहां से रामजन्मभूमि की दूरी महज तीन किलोमीटर होगी।

राष्ट्रीय राज्यमार्ग के दोनों तरफ आकार लेने वाली इस योजना को आपस में जोड़ने के लिए हाईवे को एलीवेट कर अंडरपास बनाया जाएगा। ग्रीन सिटी नव्य अयोध्या के ऊपर से एनएच-27 गोरखपुर-लखनऊ हाईवे जाएगा।

इस हाईवे के नीचे दोनों ओर वैदिक सिटी बसेगी। एनएचएआई की इंजीनियरिंग टीम ने इस क्षेत्र में हाईवे की सड़क को ऊंचाई पर लिफ्ट करने की डिजाइन तैयार कर रही है।

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